Saturday, 28 July 2012

डैथ जोन बने भागीरथी के तट


डैथ जोन बने भागीरथी के तट

Jul 24, 04:56 pm
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: शिवनगरी में गंगा भागीरथी के तट डैथ जोन बनते जा रहे हैं। बीते सात माह में यहां छह मौत हो चुकी हैं। इनमें चार मामले आत्महत्या के हैं, जबकि दो लोग तेज लहरों की चपेट में स्वर्ग सिधार गए। प्रवाह इतना तेज है कि कूदने या गिरने वाले को बचाने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता।
गंगा भागीरथी में कूदकर जान देने वालों व इसकी लहरों की चपेट में आने वालों की तादाद बढ़ रही है। मणिकर्णिका घाट व जोशियाड़ा मोटरपुल सर्वाधिक संवेदनशील जगह हैं। इन दोनों जगहों से ज्यादातर लोग भागीरथी की भेंट चढ़े हैं। सुसाइड करने के पीछे पारिवारिक कलह, प्रेम प्रसंग व परीक्षा में असफलता जैसे कारण सामने आए हैं। भागीरथी मणिकर्णिका घाट पर भागीरथी की लहरें इतनी तेज है कि वहां कूदने या गिरने वाले को बचाया भी नहीं जा सकता। जबकि जोशियाड़ा मोटर पुल से मनेरी भाली परियोजना की गहरी झील में गिरने पर बचना आसान नहीं है। इस स्थिति के कारण नगर क्षेत्र का पूरा तटवर्ती इलाका संवेदनशील हो चला है।
इस साल हुई भागीरथी में समाए लोग
14 जनवरी को एक महिला बही
19 जनवरी को महिला नदी में कूदी
27 मार्च को युवती नदी में कूदी
3 जुलाई को एक युवक नदी में बहा
21 जुलाई को युवक नदी में कूदा
24 जुलाई को युवक नदी में कूदा
'गंगा भागीरथी में प्रवाह तेज होने के कारण कूदने या गिरने वालों को बचाना आसान नहीं होता, इन दिनों मटमैले पानी और अत्यधिक प्रवाह के कारण बहने वालों के शव भी नहीं मिल पाते।'

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