Jul 26, 04:31 pm
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी : पर्वतारोहण की दृष्टि से दुनिया की सबसे कठिनतम चोटियों में से एक थलय सागर पर कोलकाता के महिला दल ने फतह हासिल की। इस हिमशिखर पर पहली बार कदम रखकर दल की टूसी दास ने नया कीर्तिमान बनाया। इससे पहले 6,904 मीटर ऊंची इस चोटी पर एक ही भारतीय दल को सफलता मिल सकी है।
कोलकाता के एल्बाट्रॉस एडवेंचर सोसाइटी की महिलाओं के पांच सदस्यीय दल ने बीती 22 जुलाई को तकनीकी रूप से बेहद जटिल थलय सागर की चोटी पर तिरंगा फहराया। दल में शामिल लीडर सुपर्णा मित्रा, सुजाया जाना, नवनीता मुखर्जी, फाल्गुनी दास, टूसी दास तथा बतौर डाक्टर अनुतोश सिन्हा ने 9 जुलाई को थलय सागर की ओर रुख किया। भुजखड़क व केदारखड़क होते हुए केदारताल के समीप बेस कैंप बनाकर कैंप वन व कैंप टू पर रुकते हुए 21 जुलाई को समिट करने की योजना बनाई गई लेकिन मौसम खराब होने के कारण अगले दिन चार शेरपाओं के साथ टूसी दास ने चोटी का रुख किया। जबकि अन्य सदस्य कैंप वन पर ही रुके रहे और चोटी पर बेहद संकरी जगह को देखते हुए उन्होंने समिट नहीं किया। इसके साथ ही टूसी दास थलय सागर पर चढ़ने वाली पहली महिला बन गई। इस दल ने वर्ष 2007 में सतोपंथ अभियान भी सफलतापूर्वक पूरा किया। जबकि वर्ष 2009 में दल का शिवलिंग अभियान कुछ कारणों से अधूरा रह गया था। गौरतलब है कि इससे पूर्व इस हिमशिखर पर उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दल ने पहले भारतीय दल के रूप में सफलता पाई थी।
शेरपाओं का योगदान
उत्तरकाशी : दल की सफलता में दार्जिलिंग के फूरबा शेरपा, दावा शेरपा, आंग दोरजी, पेम्बा शेरपा का सर्वाधिक योगदान है। इन शेरपाओं के बूते ही महिलाओं का दल इस कठिन चोटी पर आरोहण का साहस जुटा सका। चारों ने रास्ता बनाने के साथ ही पूरे दल को अंतिम समय तक एक दूसरे से जोड़े रखा। ये चारों शेरपा एवरेस्ट सहित दर्जनों हिमशिखरों पर चढ़ चुके हैं।
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