Saturday, 4 August 2012


उप्र में घाघरा ने मचाई तबाही, सैकड़ों गांव प्रभावित

Aug 04, 12:39 pm

लखनऊ । नेपाल से छोडे़ गए पानी के कारण घाघरा नदी ने उत्तर प्रदेश के अवध के करीब आधा दर्जन जिलों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। नदी का पानी सैंकड़ों गांवों में घुस गया है, जिससे लोग बडी संख्या में पलायन कर रहे है। खतरे को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है। बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी व पीलीभीत जिलों के सैकड़ों गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन गावों के करीब हजारों ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है।
पानी के दबाव के चलते गोंडा में बने एल्गिन-चरसडी बांध के कटने का खतरा पैदा हो गया है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार घाघरा के बाद अब गंगा नदी का पानी भी तेजी से बढ़ने लगा है तथा राप्ती नदी के जलस्तर में बढोत्तरी के संकेत मिल रहे है। हालांकि इन नदियों का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से नीचे है।
बहराइच में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 33 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है जिससे महसी तहसील के करीब 10 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिला प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों की मदद के लिए नावों की व्यवस्था की गयी है।
बाराबंकी में घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 106़ 246 मीटर पर पहुंच गया है। जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी अब निचले तराई इलाकों में प्रवेश कर गया है। हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गई है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों के साथ इलाके का जायजा लिया और प्रभावितों के हरसंभव मदद के निर्देश दिए।
बाराबंकी के अपर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि जिले में नदी किनारे बसे तटवर्ती गावों के लोगों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। पानी कई गांवों में प्रवेश कर गया है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। केंद्रीय जल आयोग के घाघरा घाट के मापक ओंकार सेानी ने बताया कि घाघरा का जलस्तर तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। हालात को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया है।

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