Friday, 3 August 2012

आजादी के पैंसठ साल, फिर भी रोशनी को मोहताज


आजादी के पैंसठ साल, फिर भी रोशनी को मोहताज

Jul 31, 10:35 pm
जागरण कार्यालय अल्मोड़ा : उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश बनाने का सपना अब भी पूरा नहीं हो पाया है। संबंधित महकमे व कार्यदायी संस्थाओं की लापरवाही के कारण आज भी जनपद के दर्जनों गांवों के हजारों लोग बिजली की रोशनी देखने को तरस गए हैं।
अल्मोड़ा के विकासखंड भैंसियाछाना के दूरस्थ ग्राम घुन्योली, झीरकोट व भंजर में ग्रामीण लंबे समय से विद्युतीकरण की मांग कर रहे हैं। भारी जन दबाव के कारण इन गांवों को विद्युतीकृत करने के लिए योजना भी बनाई गई, लेकिन राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत इन गांवों को बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य सपना बनकर ही रह गया है। कार्यदायी संस्था के बिजली के पोल तो खडे़ किए, लेकिन गांवों को बिजली उपलब्ध कराने के बजाय अब ये खडे़ पोल दुर्घटनाओं का सबब बने हुए हैं। क्षेत्र युवक समिति के अध्यक्ष शिव मंगल पांडे का कहना है कि विकास के इस युग में आज भी इन गावों में लोग मिट्टी तेल से लैंप जलाकर अपने घरों में उजाला करते हैं। कई बार विभाग के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। बिजली के अभाव में ग्रामीण तमाम समस्याओं का सामना करने को मजबूर हैं। पांडे का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की उपेक्षा व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते अब ग्रामीणों ने आन्दोलन का मन बनाया है। अधिकारियों की उपेक्षा जारी रही अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बहिष्कार की चेतावनी भी दी है।

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