Aug 05, 07:09 pm
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: आचार्य बालकृष्ण के बहाने योगगुरु बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय संत समिति ने मोर्चा खोल दिया है। उसने बाबा पर हल्ला बोलते हुए उन्हें गुरु की गुमशुदगी, आचार्य की डिग्री, बाबा के पासपोर्ट और आचार्य के साथ सहआरोपी बने खुर्जा के प्राचार्य नरेश द्विवेदी की फरारी के लिए जिम्मेदार ठहराया। आशंका जाहिर की कि गुरु की तरह भेद खुलने के डर से सह आरोपी नरेश द्विवेदी को भी 'गायब' तो नहीं करा दिया। साथ ही गुरु स्वामी शंकर देव की रहस्यमय गुमशुदगी की सीबीआइ जांच की मांग की है।
संत समिति के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम्, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता बाबा हठयोगी और स्वामी राजेंद्र नाथ ने पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बाबा के गुरु शंकरदेव की गुमशुदगी को गहरी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी गुमशुदगी कई सारे सवाल खड़ा करती है, ऐसे में उनकी गुमशुदगी की सीबीआइ जांच होनी जरूरी है। जल्द ही इस मांग को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की जाएगी और जिला पुलिस से भी शिकायत की होगी।
आचार्य बालकृष्ण की गिरफ्तारी पर उन्होंने दावा किया कि सीबीआइ उनकी शिकायत पर बालकृष्ण के खिलाफ जांच कर रही है। उन्होंने सीबीआइ को 29 अप्रैल 2011 को आचार्य के खिलाफ शिकायत की थी। यही वजह है कि सीबीआइ ने इस मामले में उनको वादी बनाया है।
नरेश द्विवेदी की फरारी पर संदेह
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जेल गए आचार्य बालकृष्ण मामले में सहआरोपी खुर्जा के राधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय के फरार चल रहे प्राचार्य नरेश द्विवेदी की फरारी पर शक जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि इसके पीछे भी बाबा रामदेव और उनके लोगों की ही कारस्तानी है। उन्होंने नरेश द्विवेदी को हत्या की आशंका जताते हुए सीबीआइ के हवाले से कहा कि अब तक नरेश द्विवेदी को खोजने में सीबीआइ के सभी प्रयास विफल रहे हैं, इसलिए उन्हें शक है कि राज खुलने के डर से कहीं उन्हें रास्ते से तो नहीं हटा दिया।
बाबा ने भी दी पासपोर्ट पाने को गलत जानकारी
संयुक्त पत्रकार वार्ता में बाबा रामदेव पर भी पासपोर्ट पाने को गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। कहा कि पासपोर्ट मामले में न सिर्फ आचार्य बालकृष्ण ने धोखाधड़ी की है, बल्कि बाबा रामदेव ने भी जन्मतिथि और जन्मस्थान को लेकर गलत जानकारी व प्रमाण दिए हैं। बाबा हठयोगी ने इसके प्रमाण को तौर पर बाबा रामदेव की ओर से पासपोर्ट कार्यालय को प्रस्तुत हलफनामे को, जिसमें उन्होंने वर्ष 1994 में बनवाए पासपोर्ट में जन्म तिथि जन्म स्थान को लेकर गलत जानकारी देने की बात स्वीकार की है। इसकी कॉपी पत्रकारों को दी गई है।