Thursday, 10 May 2012

साहब! लूट रहे हैं पब्लिक स्कूल वाले

अल्मोड़ा, जाका: पब्लिक स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने की तोहमत मढ़ते हुए अभिभावक लामबंद हो गए हैं। डीएम के समक्ष उन्होंने व्यथा सुनाते हुए कहा कि प्रबंधन पाठ्य सामग्री, ड्रेस व किताबें स्कूल से ही खरीदने का दबाव बनाते हैं, जो बाजार से कहीं अधिक महंगे पड़ते हैं। यह भी आरोप लगाया कि कई विद्यालयों में मानकों के उलट मैदान व अन्य व्यवस्थाएं भी नहीं हैं।
अभिभावकों का शिष्टमंडल सोमवार को कलक्ट्रेट पहुंचा और डीएम अक्षत गुप्ता को शिकायती पत्र सौंपा। उनका कहना था कि गुणवत्तायुक्त शिक्षा की लालसा में ही वे बच्चों को अच्छे पब्लिक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। मगर अनियमित खर्च के साथ ही शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। अभिभावकों में इस बात को लेकर भी कड़ी नाराजगी थी कि मासिक शुल्क विभिन्न स्कूलों में अलग-अलग व खासा महंगा है। एक से दूसरी कक्षा में दाखिले के नाम पर रिएडमिशन फीस लिए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि अधिसंख्य स्कूलों में मैदान तक नहीं है। यह मानकों का खुला उल्लंघन है। डीएम ने इस पर कड़े कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया।
इस मौके पर मनोज सनवाल, दीप सिंह डांगी, कुंदन सिंह लटवाल, ललित बिष्ट, जितेंद्र मेहता, मुरलीधर मिश्रा, चिरंजीवी वर्मा, अब्दुल नदीम अंसारी, नूर करम खान, मो.अनीस अंसारी, आमीर खान, मो.सलीम अंसारी, मनोज गुप्ता, विजय कुमार सिंह आदि थे।

पेयजल किल्लत से लोग परेशान

दन्यां, जागरण कार्यालय: विकास खंड लमगड़ा के अन्तर्गत बसंतपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पेयजल किल्लत से सैकड़ों परिवार परेशान हैं। पीने के लिए लोग कई किमी दूर गाड़-गधेरों से दूषित पानी ढो रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत बन रही साजा-फटक्वाल डुंगरा सड़क के कटान से पेयजल योजना ध्वस्त हो चुकी है। अभी तक क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत न किये जाने से गर्मी के सीजन से क्षेत्र में पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा को ज्ञापन प्रेषित करते हुए बसंतपुर, बडियार बिष्ट, बडियार रैत सहित दर्जनों गांवों को लाभान्वित करने वाली बडियार बिष्ट, टिकर और धारीगाड़ देवली पेयजल योजना की मरम्मत किये जाने की मांग की है।
दूषित पानी से डायरिया फैलने का खतरा
दन्यां: गाड़-गधेरों का दूषित पानी अनेक जानलेवा बीमारियों को फैलाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बाधित होने से लोग गधेरों का दूषित पानी पी रहे हैं जिससे बीमारियों का खतरा बना रहता है। पांच वर्ष पूर्व सिरौला व बेलक गांवों में दूषित पानी के सेवन से डायरिया का प्रकोप इस कदर फैला कि आधा दर्जन लोग अकाल मौत के ग्रास बन गये थे। वैज्ञानिकों की जांच में बीमारी फैलने का मुख्य कारण गधेरों का दूषित पीना बताया है। बसंतपुर क्षेत्र के लोगों ने विभाग से ग्रामीणों को दूषित पानी के सेवन से निजात दिलाने के लिए तीनों क्षतिग्रस्त योजनाओं की तत्काल मरम्मत किये जाने की मांग की है।

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