Saturday, 19 May 2012

कार्बेट में 16 मई से होगी नई भर्ती


सब-मामला न्यायालय में जाने के बाद अभ्यर्थियों में बनी थी असमंजस की स्थिति
रामनगर : कार्बेट टाइगर रिजर्व में रद्द हुई वन आरक्षी की भर्ती फिलहाल नियत तिथि पर ही होगी। विभागीय अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए है।
कार्बेट टाइगर रिजर्व ने वन आरक्षी के 17 पदों के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। भर्ती प्रक्रिया के दौरान सीटीआर पर धाधंली के आरोप लग गए थे। आरोपों से बचने के लिए विभाग ने भर्ती प्रक्रिया ही निरस्त कर दी। भर्ती प्रक्रिया में निकले अंतिम 17 अभ्यर्थियों ने इसके विरोध में धरना शुरु कर दिया। इसी बीच सीटीआर ने दुबारा से नई भर्ती की विज्ञप्ति निकाल दी। इस बीच पुरानी भर्ती को बहाल करने और नई भर्ती निरस्त करने को लेकर धरना दे रहे 17 अभ्यर्थियों ने न्यायालय की शरण ले ली। अभ्यर्थियों के मुताबिक फिलहाल नई भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने के संबंध में ऐसा कोई फैसला अभी नही आया है। इन सब के बीच नई भर्ती निकलने पर भर्ती का इंतजार कर रहे युवाओं में मामला न्यायालय में जाने के बाद भर्ती होने या न होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सीटीआर के उपनिदेशक सीके कविदयाल ने बताया कि नई भर्ती प्रक्रिया नियत तिथि पर आयोजित की जा रही है। यदि इस बीच नई भर्ती के संबंध में न्यायालय का कोई फैसला आता है, तो उसे पूरी तरह माना जाएगा।
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16 से होगी परीक्षा
रामनगर : विज्ञप्ति के मुताबिक 16 से 18 मई तक शारीरिक एवं अर्हता परीक्षा होगी। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की 20 मई को लिखित परीक्षा संपन्न होगी। परीक्षा सीटीआर मुख्यालय में संपन्न कराई जाएगी।

समय खत्म होने के बाद पहुंचे परीक्षा देने

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता: तीन घंटे की परीक्षा संपन्न हो चुकी थी। छात्र-छात्राएं परीक्षा देकर बाहर जाने लगे। इसके बाद करीब एक दर्जन छात्र-छात्राएं परीक्षा देने एमबी पीजी कालेज पहुंचे। कहने लगे, हमारा पेपर कहां हो रहा है, इन लोगों को जब यह बताया गया कि उक्त पेपर तो हो चुका तो इनके होश ही उड़ गए। हालांकि कालेज प्रशासन ने इसे छात्र-छात्राओं की गलती मानी है।
बुधवार को एमए अंतिम वर्ष इतिहास, समाजशास्त्र व अंग्रेजी विषय के करीब एक दर्जन छात्र-छात्राएं शाम की पाली में परीक्षा देने एमबीपीजी कालेज पहुंचे, जबकि उनकी परीक्षा दूसरी पाली में ही संपन्न हो गई थी। छात्र-छात्राओं का कहना था कि हमें ऐसी ही स्कीम मिली है। उन्होंने प्राचार्य डा. बीसी मेलकानी से मुलाकात की। परीक्षा प्रभारी से भी मिले। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहंी हुई। बाद में सभी छात्र-छात्राओं को निराश लौटना पड़ा।
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इन छात्र-छात्राओं ने परीक्षा स्कीम ही ठीक से नहीं देखी होगी। इसमें विश्वविद्यालय स्तर से कोई गलती नहीं हुई होगी, गलती इन छात्रों की है। इसमें कालेज प्रशासन कुछ मदद नहीं कर सकता।

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